जैसे-जैसे एआई-जनित कंटेंट इंटरनेट पर बाढ़ की तरह बढ़ रहा है, मानव और मशीन द्वारा बनाए गए मीडिया में फर्क करना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है। गूगल का नया SynthID डिटेक्टर कंटेंट वेरिफिकेशन तकनीक में एक महत्वपूर्ण प्रगति है, जो यूज़र्स को एआई-जनित सामग्री की पहचान के लिए एक शक्तिशाली टूल देता है।
SynthID डिटेक्टर पोर्टल, जिसे Google I/O 2025 में पेश किया गया, यूज़र्स को इमेज, ऑडियो ट्रैक, वीडियो या टेक्स्ट अपलोड करने की सुविधा देता है, ताकि गूगल के स्वामित्व वाले SynthID वॉटरमार्क की जांच की जा सके। ये डिजिटल वॉटरमार्क इंसानों के लिए अदृश्य होते हैं, लेकिन विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए पहचाने जा सकते हैं। जब वॉटरमार्क मिलता है, तो पोर्टल कंटेंट के उन खास हिस्सों को हाइलाइट करता है, जिनमें एआई-जनित तत्व होने की सबसे अधिक संभावना है, जिससे कंटेंट वेरिफिकेशन में अभूतपूर्व पारदर्शिता मिलती है।
गूगल के अनुसार, SynthID ने 2023 में अपने शुरुआती लॉन्च के बाद से अब तक 10 अरब से अधिक कंटेंट वॉटरमार्क किए हैं। यह तकनीक गूगल के इकोसिस्टम से बाहर भी कई रणनीतिक साझेदारियों के जरिए फैल चुकी है, जिनमें NVIDIA के साथ साझेदारी भी शामिल है, जिसमें उनके NVIDIA Cosmos प्रीव्यू माइक्रोसर्विस द्वारा जनरेट किए गए वीडियो में वॉटरमार्किंग की जाती है। इसके अलावा, गूगल ने SynthID टेक्स्ट वॉटरमार्किंग को ओपन-सोर्स भी कर दिया है, जिससे डेवलपर्स इसे अपनी खुद की मॉडल्स में शामिल कर सकते हैं।
इस लॉन्च का समय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 से 2024 के बीच डीपफेक वीडियो में 550% की चौंकाने वाली वृद्धि दर्ज की गई है। हालिया विश्लेषण के अनुसार, एआई-जनित कंटेंट अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सबसे अधिक देखे जाने वाले पोस्ट्स में लगातार शामिल हो रहा है, जिससे भरोसेमंद वेरिफिकेशन टूल्स की तत्काल आवश्यकता उजागर होती है।
फिलहाल, SynthID डिटेक्टर को शुरुआती टेस्टर्स के लिए रोलआउट किया जा रहा है, जिसमें पत्रकार, मीडिया प्रोफेशनल्स और शोधकर्ता एक्सेस के लिए वेटलिस्ट में शामिल हो सकते हैं। हालांकि यह तकनीक गलत जानकारी के खिलाफ एक बड़ा कदम है, गूगल कुछ सीमाओं को भी स्वीकार करता है। SynthID केवल उन्हीं टूल्स से बने कंटेंट को पहचान सकता है, जो गूगल की स्पेसिफिकेशन का पालन करते हैं, और अत्यधिक मॉडिफिकेशन के जरिए वॉटरमार्क को बायपास भी किया जा सकता है।
इन चुनौतियों के बावजूद, SynthID डिटेक्टर डिजिटल मीडिया में भरोसा कायम करने की दिशा में एक अहम विकास है, खासकर ऐसे समय में जब असली और एआई-जनित कंटेंट में फर्क करना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।