कोलंबिया विश्वविद्यालय में विकसित एक क्रांतिकारी एआई-संचालित सिस्टम गंभीर पुरुष बांझपन से जूझ रहे दंपतियों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है, और जो कभी असंभव माना जाता था, उसे अब हकीकत में बदल दिया है।
स्पर्म ट्रैकिंग एंड रिकवरी (STAR) सिस्टम, जिसे कोलंबिया विश्वविद्यालय फर्टिलिटी सेंटर के डॉ. जेव विलियम्स और उनकी टीम ने बनाया है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर उन पुरुषों में जीवित शुक्राणु कोशिकाओं की पहचान और पृथक्करण करता है, जिन्हें अजोस्पर्मिया का निदान हुआ है—यह स्थिति लगभग 10-15% बांझ पुरुषों को प्रभावित करती है, जिसमें वीर्य नमूनों में शुक्राणु लगभग न के बराबर होते हैं।
इस तकनीक को विकसित करने में पांच साल लगे हैं। इसमें उच्च-शक्ति इमेजिंग, एआई एल्गोरिद्म, माइक्रोफ्लूडिक्स और रोबोटिक्स का जटिल संयोजन है। एक विशेष माइक्रोफ्लूडिक चिप, वीर्य को इंसान के बाल जितनी पतली ट्यूबों से प्रवाहित करती है, जबकि एक हाई-स्पीड कैमरा एक घंटे से भी कम समय में 80 लाख से ज्यादा तस्वीरें लेता है। एआई इन तस्वीरों का रियल-टाइम में विश्लेषण कर शुक्राणु कोशिकाओं की पहचान करता है, जिन्हें रोबोटिक सिस्टम तुरंत आईवीएफ प्रक्रियाओं के लिए अलग कर लेता है।
"कल्पना कीजिए कि आपको 10 फुटबॉल मैदानों में बिखरे हजारों भूसे के ढेरों में छिपी एक सुई ढूंढनी है—और वह भी दो घंटे से कम समय में," डॉ. विलियम्स बताते हैं। "यही सटीकता और गति STAR सिस्टम देता है।"
इस सफलता का नाटकीय प्रदर्शन तब हुआ जब STAR ने एक नमूने में सिर्फ एक घंटे में 44 जीवित शुक्राणु कोशिकाएं खोज लीं, जबकि कुशल भ्रूणविज्ञानी दो दिन की तलाश के बाद भी असफल रहे थे। इस खोज के चलते मार्च 2025 में एक ऐसे दंपति को पहली बार एआई-सक्षम गर्भावस्था मिली, जो लगभग 19 साल से बांझपन और 15 असफल आईवीएफ चक्रों का सामना कर चुके थे।
इसकी संभावनाएं सिर्फ एक मामले तक सीमित नहीं हैं। अजोस्पर्मिया से ग्रस्त पुरुषों के लिए पारंपरिक विकल्प या तो आक्रामक सर्जिकल प्रक्रिया थे या डोनर शुक्राणु का उपयोग। STAR एक गैर-आक्रामक विकल्प देता है, जिससे उन हजारों पुरुषों को मदद मिल सकती है, जिन्हें पहले जैविक पिता बनने की कोई संभावना नहीं थी। कोलंबिया की टीम अब इस तकनीक को अन्य प्रजनन चुनौतियों के लिए भी अनुकूलित करने की संभावनाएं तलाश रही है, जिससे प्रजनन चिकित्सा में क्रांति आ सकती है।