चीन कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता (AGI) की दिशा में अपनी प्रगति को तेज़ करने के लिए एक परिष्कृत और बहु-आयामी रणनीति अपना रहा है, जैसा कि जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिक्योरिटी एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (CSET) की मई 2025 की रिपोर्ट में बताया गया है।
'वुहान का एआई विकास: कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता के लिए चीन का वैकल्पिक आधार' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन AGI के लिए ऐसे वैकल्पिक दृष्टिकोण विकसित कर रहा है, जो पश्चिमी देशों के बड़े भाषा मॉडल (LLMs) पर केंद्रित प्रयासों से अलग हैं। इसके बजाय, चीनी शोधकर्ता 'एम्बॉडीड एआई' प्रणालियों का अन्वेषण कर रहे हैं, जो वास्तविक दुनिया के वातावरण के साथ इंटरैक्ट करके सीखती हैं।
CSET के शोधकर्ता विलियम हैनास, हुई-मी चांग और डैनियल एच. चाउ लिखते हैं, 'चीन के शीर्ष राज्य-समर्थित एआई संस्थान AGI के लिए ऐसे वैकल्पिक दृष्टिकोण तलाश रहे हैं, जिनमें एआई एल्गोरिद्म को वास्तविक वातावरण में उतारा जाता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व-निर्धारित मूल्यों से युक्त यह एआई अपने प्राकृतिक परिवेश के साथ संवाद करता है और सीखता है।'
इस पहल के लिए वुहान शहर को परीक्षण स्थल के रूप में चुना गया है, जहाँ बीजिंग स्थित दो प्रमुख एआई संस्थानों ने अपनी शाखाएँ स्थापित की हैं। इस प्रयास का नेतृत्व चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन (CASIA), पेकिंग विश्वविद्यालय के PKU-वुहान इंस्टीट्यूट फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी दिग्गज हुआवेई कर रहे हैं, जिन्हें सरकार से व्यापक समर्थन मिल रहा है।
चीन की रणनीति में मस्तिष्क-प्रेरित एआई और न्यूरोसाइंस आधारित दृष्टिकोणों में महत्वपूर्ण निवेश भी शामिल है। वुहान नगर प्रशासन ने हाल ही में 2025 में शहर के एआई उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों को लक्षित करने की योजना की घोषणा की है: 'एआई प्लस रोबोट्स, एआई प्लस ऑटोमोबाइल, एआई प्लस पीसी और सर्वर, एआई प्लस मोबाइल फोन, और एआई प्लस चश्मा।'
विशेषज्ञों का कहना है कि जहाँ अमेरिका और यूरोप बड़े भाषा मॉडल्स के विकास और एआई सुरक्षा चिंताओं पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं चीन का विविधीकृत दृष्टिकोण AGI की दीर्घकालिक दौड़ में उसे रणनीतिक बढ़त दिला सकता है। CSET के शोधकर्ता निष्कर्ष निकालते हैं, 'जहाँ हम एआई सुरक्षा और इसके सैन्यीकरण के खतरों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं हमें इस वास्तविक संभावना को भी ध्यान में रखना चाहिए कि कोई देश एआई की संभावनाओं को तेजी और निर्णायकता से अपनाकर हमें पीछे छोड़ सकता है।'