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एआई के भविष्य के प्रभाव को लेकर अमेरिकी जनता दो धड़ों में बंटी

10 जुलाई 2025 को जारी एक नए गैलप सर्वेक्षण में सामने आया है कि अमेरिकी नागरिकों में इस बात को लेकर पूरी तरह से विभाजन है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक सामान्य तकनीकी विकास है या समाज के लिए एक नया खतरा। 2,017 वयस्कों पर किए गए इस सर्वे में 49% लोगों ने एआई को तकनीकी प्रगति की अगली कड़ी माना, जबकि उतने ही लोगों ने इसे पूर्ववर्ती तकनीकों से बिल्कुल अलग और मानवता के लिए खतरा बताया। खास बात यह है कि यह विभाजन उम्र, लिंग या राजनीतिक विचारधारा जैसी पारंपरिक जनसांख्यिकीय सीमाओं से परे है।
एआई के भविष्य के प्रभाव को लेकर अमेरिकी जनता दो धड़ों में बंटी

गैलप द्वारा आज जारी एक व्यापक सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिकी समाज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की भूमिका को लेकर गहरा मतभेद है। 2 से 15 जून के बीच 2,017 अमेरिकी वयस्कों पर किए गए इस सर्वे में यह सामने आया कि एआई की मूल प्रकृति और संभावित प्रभाव को लेकर देश दो बराबर हिस्सों में बंटा हुआ है।

सर्वे के अनुसार, 49% अमेरिकियों का मानना है कि एआई 'तकनीकी प्रगति की एक लंबी श्रृंखला में नवीनतम है, जिसे इंसान सीखकर अपने जीवन और समाज को बेहतर बनाएंगे।' वहीं, ठीक उतने ही प्रतिशत लोगों का मानना है कि एआई 'पहले आई तकनीकी प्रगति से बिल्कुल अलग है और यह मानवता व समाज के लिए खतरा है।'

इस विभाजन को खास बनाता है इसका पारंपरिक जनसांख्यिकीय सीमाओं से परे होना। एआई के प्रभाव को लेकर विचार लिंग, उम्र या अन्य व्यक्तिगत गुणों के आधार पर ज्यादा भिन्न नहीं हैं। यह दिखाता है कि एआई को लेकर अनिश्चितता पारंपरिक सामाजिक विभाजनों से आगे बढ़ चुकी है और तेजी से बढ़ती तकनीक को लेकर समाज में व्यापक दुविधा है।

हालांकि एआई की प्रकृति को लेकर राय बंटी हुई है, लेकिन इसके मानव कार्यों पर प्रभाव को लेकर आम सहमति दिखती है। स्पष्ट बहुमत (59%) का मानना है कि एआई के कारण इंसानों को जरूरी या रचनात्मक कार्यों की जरूरत कम हो जाएगी, जबकि सिर्फ 38% का मानना है कि एआई केवल साधारण कार्य संभालेगा और इंसानों को अधिक महत्वपूर्ण कार्यों के लिए मुक्त करेगा। यह चिंता शायद इस वजह से भी है कि 64% अमेरिकियों ने कहा कि वे 'अपनी जिंदगी में जितना संभव हो सके, एआई के इस्तेमाल से बचना चाहेंगे', जबकि केवल 35% लोग इसे अपनाने के पक्ष में हैं।

एआई तकनीकों के साथ अनुभव भी धारणाओं को काफी प्रभावित करता है। गैलप के निष्कर्ष बताते हैं कि लोग एआई को किस रूप में देखते हैं, यह उनकी पहचान से ज्यादा इस बात पर निर्भर करता है कि वे इसका इस्तेमाल करते हैं या नहीं। जो लोग नियमित रूप से एआई का इस्तेमाल करते हैं, वे इसे तकनीकी विकास की सामान्य प्रक्रिया मानते हैं। रोजाना जेनरेटिव एआई का इस्तेमाल करने वाले 71% लोग इसे ऐसी ही एक और तकनीकी प्रगति मानते हैं, जिसे इंसान सीख जाएंगे। इसके विपरीत, जिन्होंने कभी जेनरेटिव एआई का इस्तेमाल नहीं किया, उनमें सिर्फ 35% लोग इस विचार से सहमत हैं।

जैसे-जैसे एआई रोजमर्रा की जिंदगी में घुलमिल रहा है, अमेरिकी जनमत में यह गहरा विभाजन नीति निर्माताओं, व्यवसायों और शिक्षाविदों के लिए चुनौतियां पेश करता है। सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि एआई तकनीकों से बढ़ती परिचितता डर को कम कर सकती है, लेकिन मानव रचनात्मकता और रोजगार पर एआई के प्रभाव को लेकर चिंताएं अमेरिकी समाज में व्यापक रूप से बनी हुई हैं।

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