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भारत ने AI क्षमता को 34,000 GPU तक बढ़ाया, स्वदेशी भाषा मॉडल को दिया समर्थन

भारत ने अपनी राष्ट्रीय AI कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को 34,000 से अधिक GPU तक विस्तार कर देश की AI क्षमताओं में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस पहल के तहत, सोकेट AI भारत का पहला ओपन-सोर्स 120-बिलियन-पैरामीटर भाषा मॉडल विकसित कर रहा है, जिसे भारतीय भाषाओं के लिए अनुकूलित किया गया है। यह विस्तार भारत की AI संप्रभुता के प्रति प्रतिबद्धता और पारंपरिक पश्चिमी केंद्रों के बाहर वैश्विक AI अनुसंधान केंद्र के रूप में उभरती स्थिति को दर्शाता है।
भारत ने AI क्षमता को 34,000 GPU तक बढ़ाया, स्वदेशी भाषा मॉडल को दिया समर्थन

भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विकास में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाई है, जहां उसकी राष्ट्रीय कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को 34,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) तक विस्तार दिया गया है। इससे भारत वैश्विक AI अनुसंधान में एक उभरती हुई महाशक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इस बड़े विस्तार की निगरानी IndiaAI मिशन के तहत की है, जिसे मार्च 2024 में ₹10,300 करोड़ (लगभग $1.2 बिलियन) का बजट आवंटन मिला था। इस पहल के तहत मौजूदा 18,000 GPU में 16,000 नए GPU जोड़े गए हैं, जिससे उन्नत AI मॉडल के प्रशिक्षण के लिए आवश्यक एक मजबूत साझा कंप्यूटिंग सुविधा तैयार हुई है।

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "सरकार एक ऐसा AI इकोसिस्टम बना रही है, जहां कंप्यूटिंग पावर और अनुसंधान के अवसर किफायती लागत पर उपलब्ध हों।" उन्होंने तकनीक के लोकतंत्रीकरण पर जोर देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम के तहत स्टार्टअप, शैक्षणिक संस्थान और अनुसंधान संस्थान जैसे पात्र उपयोगकर्ता AI कंप्यूट का लाभ 40% तक कम लागत पर उठा सकते हैं।

इस पहल का मुख्य आकर्षण बेंगलुरु स्थित सोकेट AI की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसमें भारत का पहला ओपन-सोर्स 120-बिलियन-पैरामीटर भाषा मॉडल विकसित किया जा रहा है, जिसे विशेष रूप से भारतीय भाषाओं के लिए अनुकूलित किया गया है। सरकार द्वारा चुने गए अन्य स्टार्टअप्स Gnani.ai और Gan.ai के साथ, सोकेट AI का लक्ष्य विदेशी AI तकनीकों पर भारत की निर्भरता कम करना और देश की भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए समाधान विकसित करना है।

सोकेट AI ने पहले ही Pragna-1B नामक एक छोटा 1.25-बिलियन-पैरामीटर मल्टीलिंगुअल मॉडल विकसित कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है, जो हिंदी, गुजराती, बांग्ला और अंग्रेज़ी का समर्थन करता है। कंपनी ने 'भाषा-विकी' जैसे विशेष डाटासेट भी तैयार किए हैं, जिसमें अंग्रेज़ी विकिपीडिया के 44.1 मिलियन लेख छह भारतीय भाषाओं में अनुवादित किए गए हैं।

यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब वैश्विक AI परिदृश्य बदल रहा है और पारंपरिक पश्चिमी अनुसंधान केंद्रों के बाहर भी महत्वपूर्ण उपलब्धियां सामने आ रही हैं। चीन के DeepSeek-R1 जैसे मॉडलों में हालिया प्रगति ने दुनियाभर में इसी तरह की राष्ट्रीय पहलों को प्रेरित किया है, क्योंकि देश AI विकास में तकनीकी संप्रभुता स्थापित करना चाहते हैं।

AI इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार, स्वदेशी AI मॉडल को बढ़ावा देने और प्रतिभा विकास में निवेश के जरिए भारत एक समावेशी और नवाचार-प्रेरित इकोसिस्टम बना रहा है, जिसका उद्देश्य है कि AI के लाभ देश की विविध आबादी के व्यवसायों, शोधकर्ताओं और नागरिकों तक पहुंचे।

Source: Fortuneindia

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