Microsoft की हालिया छंटनियों का सबसे अधिक असर सॉफ्टवेयर इंजीनियरों पर पड़ा है, जो पारंपरिक प्रोग्रामिंग भूमिकाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
Microsoft के गृह राज्य वॉशिंगटन में, राज्य के दस्तावेज़ों के अनुसार, कुल लगभग 2,000 में से 40% से अधिक छंटनी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरियों में हुई है। इसके मुकाबले, सेल्स या मार्केटिंग से जुड़े पदों पर बहुत कम असर पड़ा है। ये कटौती वैश्विक स्तर पर लगभग 6,000 कर्मचारियों को प्रभावित कर रही है, जो Microsoft की कुल 2,28,000 कर्मचारियों की संख्या का लगभग 3% है।
इस छंटनी का समय खास तौर पर महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में CEO सत्य नडेला ने खुलासा किया था कि Microsoft के रिपॉजिटरी में मौजूद 20-30% कोड अब AI द्वारा लिखा जा रहा है। पिछले महीने Meta के CEO मार्क ज़ुकरबर्ग के साथ LlamaCon में एक Fireside Chat के दौरान नडेला ने कहा, "मैं कहूंगा कि आज हमारे कुछ प्रोजेक्ट्स और रिपोज़ में लगभग 20% से 30% कोड शायद सॉफ्टवेयर (AI) द्वारा लिखा गया है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है, जिसमें AI खासकर Python प्रोग्रामिंग में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, जबकि जटिल C++ कोड में अभी भी चुनौतियां हैं।
Microsoft के CTO केविन स्कॉट ने इससे भी बड़ी भविष्यवाणी की है कि 2030 तक 95% कोड AI द्वारा जेनरेट किया जा सकता है। यह रुझान अन्य टेक दिग्गजों में भी दिख रहा है—Google के CEO सुंदर पिचाई ने हाल ही में दावा किया कि उनकी कंपनी का 30% से अधिक कोड AI जेनरेट करता है।
जब Microsoft से सीधे पूछा गया कि क्या छंटनियों का कारण AI-असिस्टेड कोडिंग का बढ़ना है, तो कंपनी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। कंपनी का आधिकारिक बयान है कि यह कदम प्रबंधन स्तरों को कम करने और "डायनामिक मार्केटप्लेस में कंपनी को सफलता के लिए बेहतर स्थिति में लाने के लिए आवश्यक संगठनात्मक बदलाव" के तहत उठाया गया है।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही AI पूरी तरह से मानव प्रोग्रामर्स की जगह न ले, लेकिन यह सॉफ्टवेयर डेवेलपमेंट की प्रकृति को नाटकीय रूप से बदल रहा है। जैसे-जैसे कंपनियां कोड जेनरेशन के लिए AI का अधिक उपयोग कर रही हैं, वैसे-वैसे डेवेलपर्स को हर लाइन मैन्युअली लिखने के बजाय AI सिस्टम्स को प्रभावी ढंग से गाइड करने और प्रॉम्प्टिंग पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यह बदलाव सॉफ्टवेयर निर्माण के तरीके में एक बड़ा परिवर्तन है, जिसका असर पूरी टेक इंडस्ट्री की भविष्य की वर्कफोर्स पर पड़ेगा।