तकनीक और ऊर्जा क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत, बड़ी टेक कंपनियां एआई की विशाल बिजली आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए परमाणु ऊर्जा की ओर रुख कर रही हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने कॉन्स्टेलेशन एनर्जी के साथ 1.6 अरब डॉलर के समझौते के जरिए पेंसिल्वेनिया के थ्री माइल आइलैंड में बंद पड़े यूनिट 1 रिएक्टर को फिर से शुरू करने का ऐलान किया है, जो 2028 में चालू होने पर 835 मेगावाट कार्बन-मुक्त बिजली प्रदान करेगा। 20 साल की यह बिजली खरीद समझौता अमेरिका में पहली बार है जब किसी बंद परमाणु रिएक्टर को पुनः सक्रिय किया जाएगा।
गूगल भी पीछे नहीं रहा। उसने काइरोस पावर के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत 2030 तक सात छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) विकसित किए जाएंगे, जो सामूहिक रूप से 500 मेगावाट बिजली उत्पन्न करेंगे। कंपनी के ऊर्जा और जलवायु के वरिष्ठ निदेशक माइकल टेरेल ने कहा, "परमाणु ऊर्जा हमारी मांग को स्वच्छ तरीके से और चौबीसों घंटे पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।"
मेटा ने जून 2025 में कॉन्स्टेलेशन एनर्जी के साथ 20 साल की डील की, जिसके तहत इलिनॉय के क्लिंटन क्लीन एनर्जी सेंटर से अपनी एआई ऑपरेशनों को बिजली मिलेगी। इस साझेदारी से संयंत्र की क्षमता 30 मेगावाट बढ़ेगी, 1,100 स्थानीय नौकरियां सुरक्षित रहेंगी और सालाना 1.35 करोड़ डॉलर का टैक्स राजस्व उत्पन्न होगा।
अमेज़न भी कई परमाणु पहलों में जुटा है, जिसमें वॉशिंगटन राज्य में एक्स-एनर्जी और एनर्जी नॉर्थवेस्ट के साथ SMRs विकसित करना और पेंसिल्वेनिया में दो डेटा सेंटर परिसरों का निर्माण करना शामिल है, जो टेलन एनर्जी के परमाणु संयंत्र से लगभग दो गीगावाट बिजली का उपयोग करेंगे।
परमाणु ऊर्जा की ओर यह दौड़ ऐसे समय में हो रही है जब एआई की वजह से बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, 2030 तक वैश्विक डेटा सेंटरों की बिजली मांग में 165% की वृद्धि हो सकती है, जो कुल अमेरिकी बिजली खपत का 9% तक पहुंच सकती है। पारंपरिक ग्रिड और नवीकरणीय स्रोत अकेले इस तीव्र वृद्धि को पूरा नहीं कर सकते।
हालांकि, चुनौतियां भी हैं। परमाणु परियोजनाओं में भारी पूंजी लागत, लंबा निर्माण समय और नियामक अड़चनें आती हैं। छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर अभी भी मुख्यतः 'अगले दशक की तकनीक' माने जाते हैं। परमाणु अपशिष्ट प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर पर्यावरणीय चिंताएं भी बनी हुई हैं, हालांकि समर्थकों का तर्क है कि परमाणु ऊर्जा के कार्बन-मुक्त लाभ और विश्वसनीयता, अस्थिर नवीकरणीय स्रोतों की तुलना में अधिक हैं।
जैसा कि अमेरिकी ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने हालिया नीति निर्देश में कहा, देश का लक्ष्य 25 वर्षों में घरेलू परमाणु ऊर्जा उत्पादन को चौगुना करना है। कई राज्यों द्वारा उन्नत परमाणु ऊर्जा विकास को समर्थन देने वाले कानून पारित किए जाने के साथ, एआई-प्रेरित परमाणु पुनर्जागरण अब तेजी से आगे बढ़ता दिख रहा है।