सैन फ्रांसिस्को स्थित एआई स्टार्टअप कॉग्निचिप ने स्टील्थ मोड से बाहर आकर सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और बाज़ार में लाने की प्रक्रिया में क्रांति लाने के लिए $33 मिलियन की सीड फंडिंग प्राप्त की है। इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व लक्स कैपिटल और मेफील्ड ने किया, जिसमें एफपीवी और कैंडू वेंचर्स ने भी भाग लिया।
कंपनी आर्टिफिशियल चिप इंटेलिजेंस (ACI®) नामक एक तकनीक विकसित कर रही है, जो चिप डिज़ाइन के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया दुनिया का पहला भौतिकी-आधारित फाउंडेशन मॉडल है। कॉग्निचिप के अनुसार, यह तकनीक चिप विकास का समय 50% तक और लागत 75% तक कम कर सकती है, जिससे एआई इंडस्ट्री की उस बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है जिसमें हार्डवेयर विकास सॉफ्टवेयर नवाचार से पीछे रह जाता है।
कॉग्निचिप की स्थापना सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के अनुभवी फराज आलाेई ने की है, जिन्होंने पहले एक्वांटिया और सेंटिलियम कम्युनिकेशंस को सफलतापूर्वक आईपीओ तक पहुँचाया था। कंपनी में स्टैनफोर्ड, गूगल और एमआईटी जैसे संस्थानों के एआई विशेषज्ञ शामिल हैं। प्रमुख टीम सदस्यों में सह-संस्थापक और सीटीओ एहसान कमालिनेजाद (जिन्होंने पहले एप्पल में एआई फीचर्स का नेतृत्व किया और एडब्ल्यूएस में रिइन्फोर्समेंट लर्निंग की शुरुआत की) और सह-संस्थापक व चीफ आर्किटेक्ट साइमन सबाटो (पूर्व में गूगल, सिस्को और कैडेंस में लीड आर्किटेक्ट) शामिल हैं।
"हमारा विज़न सेमीकंडक्टर डिज़ाइन की अर्थव्यवस्था को मौलिक रूप से बदलना है," आलाेई ने कहा। उन्होंने बताया कि पारंपरिक चिप विकास में उत्पादन तक पहुँचने में 3-5 साल और $100 मिलियन से अधिक की लागत लग सकती है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को 2030 तक एक मिलियन कुशल कर्मचारियों की संभावित कमी जैसी अतिरिक्त चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है, जो उद्योग की विकास क्षमता को सीमित कर सकती है।
कॉग्निचिप दक्षता बढ़ाने के साथ-साथ चिप डिज़ाइन तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना चाहता है, जिससे छोटी कंपनियों और स्टार्टअप्स के लिए ऐसे विशेष प्रोसेसर विकसित करना संभव हो सकेगा, जो अब तक अत्यधिक महंगे थे। इससे उस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिल सकता है, जिसमें 2000 के बाद से वेंचर कैपिटल निवेश में भारी गिरावट आई है।
हालांकि कंपनी मानती है कि मॉडल को 'अंतिम प्रदर्शन' तक पहुँचाने में कई साल लगेंगे, आलाेई का मानना है कि कॉग्निचिप की तकनीक इससे पहले ही कंपनियों की मदद कर सकेगी। "जब हम उस मुकाम पर पहुँचेंगे, तो यह आर्टिफिशियल चिप इंटेलिजेंस एक ऐसा सिस्टम बनाएगा, जो वास्तव में एक विशेषज्ञ इंजीनियर की तरह काम कर सकेगा," उन्होंने कहा। "एक बार जब हम उस विज़न को हासिल कर लेंगे, तो आप कम लोगों के साथ और बहुत कम समय में वही काम कर पाएंगे।"