menu
close

गूगल ने एआई कंटेंट धोखाधड़ी से निपटने के लिए SynthID डिटेक्टर पेश किया

गूगल ने 12 जून, 2025 को अपने SynthID डिटेक्टर पोर्टल को शुरुआती टेस्टर्स के लिए आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया है, जिससे कई मीडिया फॉर्मेट्स में एआई-जनित कंटेंट की सत्यता की जांच संभव हो गई है। यह टूल SynthID तकनीक से वॉटरमार्क किए गए कंटेंट के विशिष्ट हिस्सों की पहचान और हाइलाइट कर सकता है, जो अब तक 10 अरब से अधिक कंटेंट में एम्बेड किया जा चुका है। पत्रकार, मीडिया पेशेवर और शोधकर्ता इस सत्यापन टूल की वेटलिस्ट में शामिल हो सकते हैं, जिसे एआई-जनित मीडिया के इस दौर में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।
गूगल ने एआई कंटेंट धोखाधड़ी से निपटने के लिए SynthID डिटेक्टर पेश किया

गूगल ने एआई-जनित कंटेंट की पहचान की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए 12 जून, 2025 को अपने SynthID डिटेक्टर पोर्टल को शुरुआती टेस्टर्स के लिए आधिकारिक रूप से लॉन्च कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

पिछले महीने Google I/O 2025 में घोषित इस सत्यापन पोर्टल के जरिए यूज़र्स इमेज, ऑडियो, वीडियो या टेक्स्ट अपलोड कर सकते हैं ताकि पता चल सके कि वे गूगल के एआई टूल्स से बनाए गए हैं या नहीं। जब SynthID वॉटरमार्क का पता चलता है, तो सिस्टम कंटेंट के उन विशिष्ट हिस्सों को हाइलाइट करता है, जिनमें वॉटरमार्क होने की सबसे अधिक संभावना है। यह सिर्फ हां या ना के जवाब की बजाय गहराई से जानकारी देता है।

गूगल डीपमाइंड के साइंस और स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स के वाइस प्रेसिडेंट, पुषमीत कोहली ने कहा, "जैसे-जैसे जेनरेटिव एआई की क्षमताएं आगे बढ़ रही हैं और व्यापक रूप से उपलब्ध हो रही हैं, प्रामाणिकता, संदर्भ और सत्यापन के सवाल सामने आ रहे हैं।" यह टूल एआई-जनित मीडिया के तेजी से बदलते परिदृश्य में आवश्यक पारदर्शिता प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया है।

2023 में अपनी शुरुआती शुरुआत के बाद से SynthID ने इमेज वॉटरमार्किंग से आगे बढ़कर गूगल के Gemini, Imagen, Lyria और Veo मॉडल्स द्वारा जनित टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो कंटेंट को भी कवर करना शुरू कर दिया है। गूगल के अनुसार, अब तक 10 अरब से अधिक कंटेंट इस तकनीक से वॉटरमार्क किए जा चुके हैं, और यह वॉटरमार्क कंटेंट के विभिन्न रूपांतरणों या प्लेटफॉर्म्स पर साझा होने के बावजूद भी पहचाना जा सकता है।

फिलहाल यह टूल केवल गूगल के एआई टूल्स से बनाए गए कंटेंट की पहचान करने में सक्षम है, लेकिन कंपनी SynthID के इकोसिस्टम को विस्तार देने पर काम कर रही है। गूगल ने अपने टेक्स्ट वॉटरमार्किंग फ्रेमवर्क को ओपन-सोर्स कर दिया है और NVIDIA के Cosmos मॉडल द्वारा जनित वीडियो में वॉटरमार्किंग के लिए साझेदारी की है। इसके अलावा, कंटेंट सत्यापन प्लेटफॉर्म GetReal Security भी SynthID वॉटरमार्क की पुष्टि कर सकेगा।

इस टूल की कुछ सीमाएं भी हैं। यह ऐसे प्लेटफॉर्म्स द्वारा बनाए गए एआई कंटेंट की पहचान नहीं कर सकता, जो SynthID वॉटरमार्क का उपयोग नहीं करते, जैसे OpenAI का ChatGPT या Meta के एआई टूल्स। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इमेज में अत्यधिक बदलाव या विरोधी तकनीकों के जरिए वॉटरमार्क को बायपास किया जा सकता है।

SynthID डिटेक्टर तक पहुंचने के इच्छुक पत्रकार, मीडिया पेशेवर और शोधकर्ता गूगल की वेटलिस्ट में शामिल हो सकते हैं। उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में यह टूल और अधिक लोगों के लिए उपलब्ध होगा।

Source:

Latest News