रॉबिनहुड के सीईओ व्लाद टेनेव द्वारा सह-स्थापित एआई स्टार्टअप हार्मोनिक ने अपने आईओएस और एंड्रॉइड चैटबॉट ऐप का बीटा वर्शन जारी किया है, जिसमें अरिस्टोटल नामक एआई मॉडल शामिल है। यह मॉडल विशेष रूप से बिना किसी कल्पना (हैलुसिनेशन) के गणितीय तर्क के लिए डिज़ाइन किया गया है।
कंपनी, जिसने हाल ही में सीरीज बी फंडिंग में 100 मिलियन डॉलर जुटाए हैं और जिसकी वैल्यूएशन 875 मिलियन डॉलर है, खुद को मुख्यधारा के एआई मॉडलों से अलग करती है क्योंकि इसका फोकस गणितीय सुपरइंटेलिजेंस (एमएसआई) पर है। पारंपरिक बड़े भाषा मॉडल जटिल गणनाओं में अक्सर गलतियां कर बैठते हैं, जबकि अरिस्टोटल को शुरू से ही मात्रात्मक क्षेत्रों में सटीकता की गारंटी के साथ बनाया गया है।
हार्मोनिक के सीईओ और सह-संस्थापक ट्यूडर अचिम ने कहा, "अरिस्टोटल पहला ऐसा उत्पाद है जो तर्क करता है और आउटपुट की औपचारिक पुष्टि करता है। जिन क्षेत्रों में अरिस्टोटल सपोर्ट करता है, यानी मात्रात्मक तर्क वाले क्षेत्र, उनमें हम वास्तव में गारंटी देते हैं कि कोई कल्पना (हैलुसिनेशन) नहीं है।"
यह सिस्टम अपनी असाधारण सटीकता दो-चरणीय प्रक्रिया के जरिए हासिल करता है। सबसे पहले, अरिस्टोटल प्राकृतिक भाषा में पूछे गए गणितीय सवालों को ओपन-सोर्स प्रोग्रामिंग भाषा लीन 4 में बदलता है, जो एक प्रूफ असिस्टेंट है और गणितीय परिभाषाओं व प्रमेयों की शुद्धता की जांच करता है। इसके बाद, उपयोगकर्ताओं को उत्तर देने से पहले, मॉडल एक एल्गोरिदमिक सत्यापन प्रक्रिया के जरिए समाधान की दोबारा जांच करता है, जिसमें एआई का इस्तेमाल नहीं होता—यह वही तरीका है जो मेडिकल डिवाइस और एविएशन जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में अपनाया जाता है।
हार्मोनिक का दावा है कि अरिस्टोटल ने 2025 इंटरनेशनल मैथ ओलंपियाड (IMO) में औपचारिक परीक्षण के जरिए गोल्ड मेडल स्तर का प्रदर्शन किया, जिसमें समस्याओं को मशीन-रीडेबल फॉर्मेट में बदला गया था। यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब गूगल डीपमाइंड और ओपनएआई के एआई मॉडल्स ने भी IMO में गोल्ड मेडल स्तर हासिल किया, हालांकि वे अनौपचारिक परीक्षणों में, प्राकृतिक भाषा के जरिए, यह उपलब्धि प्राप्त कर पाए।
कंपनी की महत्वाकांक्षाएं केवल गणित तक सीमित नहीं हैं। हार्मोनिक का मानना है कि एमएसआई भौतिकी, सांख्यिकी और कंप्यूटर विज्ञान सहित उन सभी क्षेत्रों में उपयोगकर्ताओं की मदद करेगा, जो गणितीय तर्क पर निर्भर हैं। भविष्य में, कंपनी उद्यमों के लिए एपीआई और उपभोक्ताओं के लिए वेब एप्लिकेशन जारी करने की योजना बना रही है, जिससे उन उद्योगों में बदलाव आ सकता है, जहां सटीक मात्रात्मक तर्क की आवश्यकता होती है।