एक परिष्कृत रूसी दुष्प्रचार अभियान, जिसका कोडनेम ऑपरेशन ओवरलोड (जिसे मैट्रियोश्का या स्टॉर्म-1679 भी कहा जाता है) है, अभूतपूर्व पैमाने और गति से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग कर क्रेमलिन समर्थक प्रचार सामग्री बना और फैला रहा है।
इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक डायलॉग (ISD) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस अभियान ने केवल 2025 की पहली तिमाही में ही 80 से अधिक विभिन्न संगठनों की नकल की है। यह अभियान असली तस्वीरों को एआई-जनित वॉयस-ओवर के साथ जोड़कर और प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों, शैक्षणिक संस्थाओं व कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लोगो का दुरुपयोग कर भ्रामक सामग्री तैयार करता है।
इस ऑपरेशन की मुख्य रणनीति ऐसे वीडियो बनाना है, जो विश्वसनीय स्रोतों से आई असली खबरों जैसे प्रतीत होते हैं। ऑडियो और विजुअल तत्वों में एआई टूल्स के माध्यम से हेरफेर कर ऑपरेशन ओवरलोड ऐसी सामग्री तैयार करता है, जिसे असली मीडिया से अलग करना मुश्किल हो जाता है। इन वीडियो में ऐसे नैरेटिव को बढ़ावा दिया जाता है, जिनका उद्देश्य "नाटो देशों के यूक्रेन समर्थन को कमजोर करना और उनकी घरेलू राजनीति में विघटन पैदा करना" है, जैसा कि ISD के शोधकर्ताओं ने बताया।
हालांकि इस अभियान ने X (पूर्व में ट्विटर), टेलीग्राम और ब्लूस्काई सहित कई प्लेटफॉर्म्स पर कम से कम 135 सामग्री पोस्ट की हैं, लेकिन अधिकांश पोस्ट को सीमित जैविक प्रतिक्रिया ही मिली है। फिर भी, एक वीडियो जिसमें झूठा दावा किया गया था कि USAID ने मशहूर हस्तियों को यूक्रेन भेजने के लिए पैसे दिए, 42 लाख से अधिक बार देखा गया, जब इसे अभियान से असंबंधित हाई-प्रोफाइल अकाउंट्स ने बढ़ावा दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि एआई ने दुष्प्रचार के "नंबर्स गेम" को गलत इरादों वाले लोगों के पक्ष में झुका दिया है। ISD के वरिष्ठ शोध प्रबंधक जोसेफ बोडनर के अनुसार, "अगर 100 में से एक वीडियो भी वायरल हो जाता है, तो यह अभियान के लिए जीत है।" यह तकनीक बड़ी मात्रा में विश्वसनीय दिखने वाली सामग्री तेजी से तैयार करने की सुविधा देती है, जिससे यूजर्स के बीच इसकी साख बनी रहती है।
झूठे नैरेटिव फैलाने के अलावा, ऑपरेशन ओवरलोड का उद्देश्य फैक्ट-चेकर्स और मीडिया संस्थानों को डिबंकिंग अनुरोधों से पस्त करना, नकल किए गए संस्थानों की साख को कमजोर करना और दुष्प्रचार से लड़ने वालों के संसाधनों की बर्बादी करना भी है। यह अभियान 10 देशों में सक्रिय है और 10 अलग-अलग भाषाओं में पोस्ट करता है, जिसमें जर्मनी, फ्रांस और यूक्रेन पर विशेष जोर है।