YouTube ने अपने Shorts प्लेटफ़ॉर्म में Google DeepMind के उन्नत Veo 2 मॉडल का एकीकरण किया है, जिससे क्रिएटर्स टेक्स्ट प्रॉम्प्ट्स के माध्यम से AI वीडियो क्लिप्स बना सकते हैं। यह अपडेट YouTube की मौजूदा Dream Screen फीचर पर आधारित है, जो पहले केवल AI-जनित बैकग्राउंड बनाने की सुविधा देता था, लेकिन अब क्रिएटर्स को स्टैंडअलोन वीडियो क्लिप्स बनाने की भी अनुमति देता है जिन्हें किसी भी Short में जोड़ा जा सकता है।
यह एकीकरण YouTube के क्रिएटिव टूल्स में एक महत्वपूर्ण अपग्रेड है, जिसमें Veo 2 विभिन्न विषयों और शैलियों में उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो तैयार कर सकता है। यह मॉडल वास्तविक दुनिया की भौतिकी और मानव गतियों को बेहतर ढंग से समझता है, जिससे पहले की तुलना में अधिक विस्तृत और यथार्थवादी आउटपुट मिलते हैं। क्रिएटर्स अपनी AI-जनित कंटेंट के लिए स्टाइल, इफेक्ट्स और सिनेमैटिक एस्थेटिक्स भी चुन सकते हैं।
इस फीचर का उपयोग करने के लिए, क्रिएटर्स Shorts कैमरा खोल सकते हैं, Green Screen चुन सकते हैं और फिर Dream Screen पर जाकर टेक्स्ट प्रॉम्प्ट डाल सकते हैं, जिससे वीडियो जेनरेट हो जाएगा। यह सुविधा फिलहाल संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में उपलब्ध है, और आने वाले महीनों में YouTube इसे और अधिक क्षेत्रों में विस्तारित करने की योजना बना रहा है।
पारदर्शिता और जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित करने के लिए, YouTube SynthID वॉटरमार्क्स और स्पष्ट लेबल्स का उपयोग करता है, जिससे यह पता चलता है कि कंटेंट AI द्वारा जेनरेट किया गया है। ये उपाय दर्शकों को मानव-निर्मित और AI-जनित कंटेंट के बीच अंतर समझने में मदद करते हैं।
यह विकास सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स में जनरेटिव AI के एकीकरण की व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा है। Google DeepMind की तकनीक से संचालित यह फीचर वीडियो निर्माण टूल्स को लोकतांत्रिक बनाता है, जिससे दुनिया के सबसे बड़े सोशल प्लेटफ़ॉर्म्स में से एक पर कंटेंट निर्माण का तरीका बदल सकता है। YouTube के CEO नील मोहन ने घोषणा की है कि प्लेटफ़ॉर्म इस गर्मी के अंत तक और भी उन्नत Veo 3 मॉडल को एकीकृत करेगा, जिससे ऑडियो जेनरेशन की सुविधा भी उपलब्ध होगी।