कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के रोजगार पर प्रभाव को लेकर जारी बहस ने अब सकारात्मक रुख ले लिया है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि एआई नौकरियां खत्म करने की बजाय कुल मिलाकर नई नौकरियां पैदा करेगा।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 'फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025' के अनुसार, एआई और संबंधित तकनीकों से 2030 तक 86% व्यवसायों में बदलाव आएगा, जिससे वैश्विक स्तर पर 17 करोड़ नई नौकरियां बनेंगी, जबकि 9.2 करोड़ मौजूदा पद समाप्त हो जाएंगे। इसका अर्थ है कि शुद्ध रूप से 7.8 करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी, जो वर्तमान वैश्विक रोजगार का लगभग 7% है।
यह निष्कर्ष 22 उद्योगों और 55 अर्थव्यवस्थाओं की 1,000 कंपनियों के सर्वेक्षण पर आधारित है, जो 1.4 करोड़ से अधिक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस बदलाव का मुख्य कारण तकनीकी परिवर्तन ही होगा। जहां कई लोग मानते हैं कि एआई नौकरियां खत्म कर देगा, वहीं आंकड़े बताते हैं कि रोजगार में बदलाव मौजूदा नौकरियों के लगभग 22% के बराबर होगा।
आश्चर्यजनक रूप से, सबसे अधिक वृद्धि फ्रंटलाइन भूमिकाओं में देखने को मिलेगी, जैसे कि खेत मजदूर, डिलीवरी ड्राइवर और निर्माण श्रमिक। केयर इकोनॉमी में भी उल्लेखनीय विस्तार होगा, जिससे नर्सिंग प्रोफेशनल्स और सोशल वर्कर्स की मांग बढ़ेगी। वहीं, एआई, बिग डेटा और साइबर सुरक्षा जैसे तकनीकी क्षेत्रों में प्रतिशत के हिसाब से सबसे तेज़ वृद्धि देखने को मिलेगी।
हालांकि, इस बदलाव के साथ कई चुनौतियां भी हैं। डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025-2030 के बीच 39% कर्मचारियों के मुख्य कौशल अप्रचलित हो जाएंगे, जिससे कौशल विकास (अपस्किलिंग) अनिवार्य हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है, "एआई-आधारित भविष्य के लिए कार्यबल को तैयार करने हेतु तत्काल कौशल विकास की आवश्यकता है," और तकनीकी कौशलों का महत्व अन्य सभी कौशलों की तुलना में कहीं अधिक तेजी से बढ़ेगा।
व्हार्टन के प्रोफेसर ईथन मोलिक के अनुसार, ऐतिहासिक रूप से तकनीकी प्रगति ने आमतौर पर जितनी नौकरियां खत्म की हैं, उससे अधिक पैदा की हैं, लेकिन एआई इस पैटर्न की एक नई परीक्षा है। सफलता की कुंजी यह होगी कि व्यवसाय और सरकारें मिलकर कौशल विकास में कितना निवेश करती हैं और एक समावेशी, लचीला वैश्विक कार्यबल तैयार करती हैं, जो एआई-आधारित इस बदलाव के लिए तैयार हो।