कृत्रिम बुद्धिमत्ता वॉयस असिस्टेंट्स का बाजार अभूतपूर्व विस्तार के दौर से गुजर रहा है, जो विभिन्न उद्योगों और अनुप्रयोगों में मनुष्यों के तकनीक से संवाद करने के तरीके को बदल रहा है।
हालिया बाजार विश्लेषणों के अनुसार, वैश्विक एआई वॉयस असिस्टेंट्स क्षेत्र, जिसकी 2024 में अनुमानित कीमत लगभग 38.5 अरब डॉलर थी, 2033 तक 104-138 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यह वृद्धि बाजार खंड के अनुसार 15-28% की वार्षिक चक्रवृद्धि दर (CAGR) से होगी।
इस विकास का मुख्य कारण प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और मशीन लर्निंग में तकनीकी प्रगति है, जिससे वॉयस रिकग्निशन की सटीकता और संदर्भ को समझने की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अब लगभग 70% वैश्विक उपयोगकर्ता दैनिक कार्यों के लिए वॉयस-कंट्रोल्ड डिवाइसेज़ पर निर्भर हैं, और उपभोक्ता एवं एंटरप्राइज दोनों क्षेत्रों में इसकी स्वीकार्यता तेज़ी से बढ़ रही है।
फिलहाल, उत्तर अमेरिका लगभग 36-40% बाजार हिस्सेदारी के साथ इस क्षेत्र में अग्रणी है, जिसका श्रेय अमेज़न, गूगल और एप्पल जैसे तकनीकी दिग्गजों की मौजूदगी और नवाचार में उनकी अग्रणी भूमिका को जाता है। हालांकि, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच और डिजिटल परिवर्तन को समर्थन देने वाली सरकारी पहलों के कारण सबसे तेज़ वृद्धि देखी जा रही है।
बाजार में कई प्रमुख रुझान उभर रहे हैं, जिनमें भावनात्मक बुद्धिमत्ता की क्षमताओं का एकीकरण शामिल है, जिससे वॉयस असिस्टेंट्स अब वोकल संकेतों के माध्यम से उपयोगकर्ता की भावनाओं को पहचान और प्रतिक्रिया दे सकते हैं। इसके अलावा, बहुभाषी समर्थन भी तेज़ी से बढ़ रहा है, और कंपनियां ऐसे वॉयस असिस्टेंट्स में भारी निवेश कर रही हैं जो वैश्विक दर्शकों के लिए कई भाषाओं में समझ और प्रतिक्रिया दे सकें।
उद्योग-विशिष्ट अनुप्रयोग भी महत्वपूर्ण वृद्धि का कारण बन रहे हैं, विशेष रूप से स्वास्थ्य, ऑटोमोटिव और एंटरप्राइज क्षेत्रों में। स्वास्थ्य क्षेत्र में वॉयस असिस्टेंट्स का उपयोग मरीज प्रबंधन, दवा की याद दिलाने और क्लिनिकल डाक्यूमेंटेशन के लिए किया जा रहा है। मार्च 2025 में लॉन्च हुआ माइक्रोसॉफ्ट का ड्रैगन कोपायलट इस प्रवृत्ति का उदाहरण है, जो डॉक्टरों के लिए एक वॉयस-एक्टिवेटेड एआई असिस्टेंट है, जो क्लिनिकल नोट्स और रेफरल तैयार करता है।
एंटरप्राइज खंड के पास लगभग 42% बाजार हिस्सेदारी है (2024 में 14.07 अरब डॉलर), जिसमें ग्राहक सेवा ऑटोमेशन, वर्कफ्लो प्रबंधन और संचार उपकरणों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। वहीं, ऑटोमोटिव क्षेत्र में अब 50% से अधिक नए वाहन एआई-संचालित वॉयस सिस्टम्स से लैस आ रहे हैं।
इस वृद्धि के बावजूद, गोपनीयता संबंधी चिंताएं, बाजार संतृप्ति और बेहतर बहुभाषी क्षमताओं की आवश्यकता जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। कंपनियां इन मुद्दों का समाधान उन्नत सुरक्षा उपायों और अनुसंधान एवं विकास में निरंतर निवेश के माध्यम से कर रही हैं।
जैसे-जैसे वॉयस एआई इंटरफेस का मुख्य माध्यम बनता जा रहा है, उद्योग विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025 तक 50% नॉलेज वर्कर्स नियमित रूप से वर्चुअल असिस्टेंट्स का उपयोग करेंगे, जिससे वॉयस तकनीक हमारे डिजिटल भविष्य का एक मौलिक हिस्सा बन जाएगी।