एआई के कारण नौकरियों का खत्म होना अब भविष्य की बात नहीं, बल्कि आज की हकीकत है। समयरेखा 'कभी' की नहीं, बल्कि 'इस तिमाही' की है। कंपनियां अब योजना नहीं बना रहीं, वे इसे लागू कर रही हैं। अब अस्तित्व का सवाल बाइनरी हो गया है: या तो एआई में महारत हासिल करें या अप्रासंगिक हो जाएं।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2025 फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के 41% नियोक्ता अगले पांच वर्षों में एआई ऑटोमेशन के कारण अपने वर्कफोर्स को घटाने का इरादा रखते हैं। लेकिन वे पांच साल का इंतजार नहीं कर रहे—यह बदलाव अभी हो रहा है।
कंपनियां अब सिर्फ लागत कम नहीं कर रहीं, बल्कि पूरे जॉब फंक्शन्स को सॉफ्टवेयर से बदल रही हैं। यह डेटा खासतौर पर नए ग्रेजुएट्स के लिए चिंता का विषय है। सिग्नलफायर के शोध के अनुसार, 2024 में बिग टेक कंपनियों ने नए ग्रेजुएट्स की भर्ती 2023 की तुलना में 25% कम कर दी। यह सिर्फ भर्ती में मंदी नहीं है—ये वे पद हैं जो अब अस्तित्व में ही नहीं हैं।
ब्लूमबर्ग के शोध से पता चलता है कि एआई 53% मार्केट रिसर्च एनालिस्ट के कार्यों और 67% सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के कार्यों को बदल सकता है, जबकि मैनेजरियल भूमिकाओं में ऑटोमेशन का जोखिम केवल 9 से 21% है। एंथ्रोपिक के सीईओ डारियो अमोडेई का अनुमान है कि एआई अगले पांच वर्षों में सभी एंट्री-लेवल वाइट-कॉलर नौकरियों का आधा हिस्सा खत्म कर सकता है।
शायद एआई का सबसे व्यापक प्रभाव पूरी तरह से नौकरियां खत्म या नई पैदा करने में नहीं, बल्कि मौजूदा भूमिकाओं के रूपांतरण में होगा। 2025 तक अनुमान है कि सभी नौकरियों में से 60% में कम से कम 30% कार्य एआई द्वारा ऑटोमेट या ऑगमेंट किए जाएंगे। मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट के एक अध्ययन के अनुसार, 2030 तक एआई वैश्विक स्तर पर हेल्थकेयर, टेक्नोलॉजी, फाइनेंस आदि क्षेत्रों में 2 से 5 करोड़ नई नौकरियों के सृजन में योगदान कर सकता है। जैसे-जैसे एआई तकनीक विकसित हो रही है, नई भूमिकाएं और कौशल-सेट उभर रहे हैं, जिससे स्किल अपग्रेडेशन की जरूरत और भी बढ़ गई है। वे पेशे जिनमें तकनीकी विशेषज्ञता के साथ-साथ रचनात्मकता, क्रिटिकल थिंकिंग और इमोशनल इंटेलिजेंस जैसी मानवीय क्षमताएं चाहिए, उनमें उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। एआई से जुड़ी भूमिकाएं जैसे एआई स्पेशलिस्ट, डेटा साइंटिस्ट, मशीन लर्निंग इंजीनियर और रोबोटिक्स इंजीनियर विभिन्न उद्योगों में तेजी से जरूरी होते जा रहे हैं।
जनरेटिव एआई के कारण लाखों एंट्री-लेवल वाइट-कॉलर नौकरियां खत्म हो रही हैं, वहीं विभिन्न क्षेत्रों में नई भूमिकाएं उभर रही हैं। इन भूमिकाओं के लिए उन्नत कौशल चाहिए, जिनमें अक्सर डेटा साक्षरता, सिस्टम्स थिंकिंग और क्रिटिकल रीजनिंग में दोबारा प्रशिक्षण जरूरी है। एआई से जुड़ी नौकरियों का सृजन अपेक्षा से कहीं तेज हो रहा है और 2025 में यह पहले से ही शुरू हो चुका है। एआई से जुड़ी जॉब टाइटल्स में अब मशीन लर्निंग इंजीनियर से आगे बढ़कर और भी विशेषज्ञता आ रही है। जनरेटिव एआई इंजीनियर, कंप्यूटर विजन इंजीनियर और रिमोट एआई ट्रेनिंग स्पेशलिस्ट जैसी नई भूमिकाएं उन क्षेत्रों को दर्शाती हैं जहां एआई टैलेंट की सबसे ज्यादा मांग है। ये पद एआई सिस्टम्स की बढ़ती जटिलता को दर्शाते हैं, जहां विशेषज्ञता और भी विशिष्ट और खंडित होती जा रही है। एआई से जुड़ी नौकरियों की चौड़ाई और गहराई यह दिखाती है कि अब यह सिर्फ टेक कंपनियों या सामान्य भूमिकाओं तक सीमित नहीं है—यह एक सार्वभौमिक शक्ति बनकर वैश्विक वर्कफोर्स को नया आकार दे रही है।
वैश्विक संगठनों के शोध के अनुसार, 2025 तक 54% कर्मचारियों को महत्वपूर्ण री-स्किलिंग की जरूरत होगी, प्रोफेशनल स्किल्स का हाफ-लाइफ 5 साल से घटकर 2.5 साल रह जाएगा, और जो प्रोफेशनल्स डोमेन एक्सपर्टीज के साथ एआई साक्षरता जोड़ेंगे, वे 35% अधिक वेतन पाएंगे। संगठनों के लिए इसका अर्थ है कि उन्हें वर्कफोर्स डिवेलपमेंट में भारी निवेश करना होगा और लर्निंग ईकोसिस्टम बनाना होगा। प्रोफेशनल्स के लिए, निरंतर कौशल विकास अब सिर्फ लाभदायक नहीं, बल्कि करियर की दीर्घायु के लिए अनिवार्य हो गया है। व्यक्तिगत नौकरियों के बदलाव से आगे, एआई काम के संगठन, प्रबंधन और निष्पादन के तरीके में भी मूलभूत बदलाव ला रहा है। 2025 तक हम नए वर्कप्लेस स्ट्रक्चर देखेंगे, जिसमें डेटा प्रोसेसिंग, पैटर्न रिकग्निशन और रूटीन निर्णय एआई सिस्टम्स द्वारा संभाले जाएंगे, जबकि मानव कर्मचारी निर्णय, रचनात्मकता और इंटरपर्सनल स्किल्स प्रदान करेंगे।
जनरेटिव एआई मानव-मशीन सहयोग के माध्यम से नौकरियों का भविष्य बदल सकता है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार, मानव-केंद्रित कौशल तेजी से बदलती, तकनीक-प्रेरित वर्कप्लेस में भी महत्वपूर्ण बने रहेंगे। यह निष्कर्ष उभरती स्किल गैप को पाटने के लिए री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग को स्थायी रणनीति बनाने की तत्काल आवश्यकता को उजागर करता है। नियोक्ताओं को इन रणनीतियों को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि कर्मचारी तकनीकी विशेषज्ञता के साथ आवश्यक मानवीय क्षमताओं वाली भूमिकाओं में स्थानांतरित हो सकें। अनुकूलनशील टैलेंट डिवेलपमेंट में निवेश करके, व्यवसाय भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार वर्कफोर्स बना सकते हैं। नवीनतम निष्कर्षों के अनुसार, 50% वर्कफोर्स ने लर्निंग और डिवेलपमेंट प्रोग्राम्स के तहत प्रशिक्षण पूरा किया, जो 2023 के 41% से उल्लेखनीय वृद्धि है। यह बढ़ता रुझान लगभग हर उद्योग में देखा जा रहा है, जो निरंतर कौशल विकास को हर क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण मानने की बढ़ती स्वीकृति को दर्शाता है।