राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वैश्विक व्यापार नीतियाँ अमेरिका की टेक दिग्गज कंपनियों को कठिन रणनीतिक बदलाव करने के लिए मजबूर कर रही हैं, जिसमें Nvidia और Apple को विशेष रूप से गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ रहा है।
Nvidia, जो दुनिया की सबसे मूल्यवान सेमीकंडक्टर कंपनी है, ने ट्रंप प्रशासन द्वारा चीन को उसके H20 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चिप्स के निर्यात पर नए प्रतिबंध लगाने के बाद 5.5 अरब डॉलर के वित्तीय नुकसान का खुलासा किया है। अमेरिकी सरकार ने 9 अप्रैल को Nvidia को सूचित किया कि इन चिप्स की चीन में बिक्री के लिए 'अनिश्चितकाल' तक विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होगी, क्योंकि आशंका है कि इनका इस्तेमाल चीन में सुपरकंप्यूटर के लिए किया जा सकता है या वे वहाँ डायवर्ट हो सकती हैं।
ये प्रतिबंध Nvidia के लिए बड़ा झटका हैं, जिसने पिछले वित्तीय वर्ष में अपनी कुल बिक्री का लगभग 13% (करीब 17 अरब डॉलर) चीन से अर्जित किया था। कंपनी ने H20 चिप को विशेष रूप से पुराने निर्यात नियंत्रणों का पालन करते हुए चीनी बाजार तक पहुँच बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया था। जनवरी 2025 से अब तक चीनी टेक कंपनियों—जैसे Tencent, Alibaba और ByteDance—ने H20 चिप्स के लिए लगभग 18 अरब डॉलर के ऑर्डर दिए हैं।
वहीं, Apple पर भी ट्रंप द्वारा iPhone निर्माण को अमेरिका में स्थानांतरित करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। 23 मई को ट्रंप ने धमकी दी कि जो iPhone अमेरिका में नहीं बनेंगे, उन पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा: "मुझे उम्मीद है कि अमेरिका में बिकने वाले उनके iPhone अमेरिका में ही निर्मित और बनाए जाएंगे, न कि भारत या किसी और जगह।"
विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में अमेरिका में iPhone निर्माण व्यावहारिक नहीं है। Wedbush Securities के विश्लेषक डैन आइव्स ने इसे "एक परीकथा जो संभव नहीं" बताया और अनुमान लगाया कि पूरी iPhone उत्पादन लाइन को अमेरिका में स्थानांतरित करने में 5-10 साल लग सकते हैं और इससे डिवाइस की कीमत मौजूदा ~$1,200 से बढ़कर $3,500 तक हो सकती है।
दोनों कंपनियों ने ट्रंप की नीतियों के जवाब में अमेरिका में बड़े निवेश की घोषणा की है। Nvidia ने अमेरिका में दो सुपरकंप्यूटर फैक्ट्रियाँ बनाने के लिए 500 अरब डॉलर की निवेश योजना का ऐलान किया है, वहीं Apple ने अगले चार वर्षों में नौ अमेरिकी राज्यों में 500 अरब डॉलर खर्च करने का वादा किया है। हालांकि, Apple की इस निवेश योजना में iPhone निर्माण को अमेरिका लाने की कोई योजना शामिल नहीं है।
जैसे-जैसे व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है, इन टेक कंपनियों को अमेरिकी नीतियों के अनुपालन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा व शेयरधारकों के हितों के बीच संतुलन साधना होगा। अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता, जो फिलहाल 10 अगस्त तक 90-दिवसीय कम-टैरिफ अवधि में है, का परिणाम इनकी दीर्घकालिक रणनीतियों के लिए निर्णायक साबित होगा।