हाल के वर्षों में रोबोटिक स्किन तकनीक के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, और 2025 में इस क्षेत्र में ऐसे महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जो रोबोट्स के इंसानों और उनके परिवेश के साथ संवाद के तरीके को पूरी तरह बदल रहे हैं।
इस क्रांति के अग्रणी हैं टोक्यो विश्वविद्यालय की बायोहाइब्रिड सिस्टम्स लैबोरेट्री, जिसका नेतृत्व प्रोफेसर शोजी ताकेउची कर रहे हैं। उनकी टीम ने जीवित, स्वयं-चिकित्सित होने वाली स्किन के साथ ऐसे रोबोट्स बनाए हैं, जो मुस्कुरा सकते हैं और जटिल गतिविधियां कर सकते हैं। टीम ने एक नई तकनीक विकसित की है, जिसमें मानव त्वचा के लिगामेंट्स से प्रेरित पर्फोरेशन-टाइप एंकर का उपयोग किया गया है, जिससे इंजीनियर्ड स्किन टिश्यू को रोबोटिक सतहों पर मजबूती से चिपकाया जा सकता है, और यह गति के दौरान फटती या छिलती नहीं है। इस नवाचार के कारण रोबोट्स अब चेहरे के भाव दिखा सकते हैं और पहले से कहीं अधिक कुशलता के साथ नाजुक कार्य कर सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक स्किन (ई-स्किन) तकनीक में भी समानांतर रूप से उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं। शोधकर्ताओं ने अत्यंत संवेदनशील रोबोटिक स्किन विकसित की है, जो दबाव, तापमान, कतरनी बल और यहां तक कि रासायनिक पदार्थों का भी पता लगा सकती है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के संयुक्त प्रयास से एक लचीली, प्रवाहकीय स्किन तैयार की गई है, जिससे रोबोट्स मानवों की तरह अपने परिवेश की जानकारी जुटा सकते हैं। यह स्किन एक ही सामग्री में 8,60,000 से अधिक सूक्ष्म मार्गों के जरिए विभिन्न संवेदनाओं का पता लगा सकती है।
इन उन्नत संवेदन तकनीकों के साथ मशीन लर्निंग का एकीकरण भी एक बड़ा कदम है। 2025 में नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जर्मन वैज्ञानिकों ने एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक स्किन विकसित की है, जो 1 मिमी रिज़ॉल्यूशन के साथ वास्तविक समय में चुंबकीय क्षेत्रों का पता लगा और मैप कर सकती है। यह तकनीक मानव और रोबोट्स के बीच टचलेस इंटरैक्शन को संभव बनाती है, जिससे जेस्चर रिकग्निशन और मानव-मशीन इंटरफेस में क्रांति आ सकती है।
इन तकनीकों के व्यावहारिक अनुप्रयोग कई क्षेत्रों में फैले हैं। स्वास्थ्य सेवा में रोबोटिक स्किन्स कृत्रिम अंगों, पुनर्वास उपकरणों और सर्जिकल रोबोट्स को नया रूप दे रही हैं। सूक्ष्म दबाव परिवर्तनों का पता लगाने की क्षमता के कारण रोबोट्स अब अंडे या नरम फलों जैसे नाजुक वस्तुओं को बिना नुकसान पहुंचाए संभाल सकते हैं। वहीं, विनिर्माण क्षेत्र में टेस्ला जैसी कंपनियां उन्नत स्पर्श क्षमता वाले ह्यूमैनॉइड रोबोट्स तैनात कर रही हैं, और एलन मस्क ने भविष्यवाणी की है कि 2025 के अंत तक हजारों ऑप्टिमस रोबोट्स फैक्ट्रियों में काम कर रहे होंगे।
जैसे-जैसे ये तकनीकें आगे बढ़ रही हैं, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सामग्री विज्ञान और जैव अभियांत्रिकी का संगम जैविक और यांत्रिक प्रणालियों के बीच की रेखा को धुंधला कर रहा है। भविष्य की दिशा ऐसे रोबोट्स की ओर है, जिनमें मानव-समान गुण होंगे और वे लोगों व अपने परिवेश के साथ और अधिक स्वाभाविक व सहज संवाद कर सकेंगे।