रैंड कॉर्पोरेशन की 27 जून 2025 को जारी नई रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक दुनिया की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस महाशक्ति बनने का चीन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तेजी से गति पकड़ रहा है।
काइल चान, ग्रेगरी स्मिथ, जिम्मी गुडरिच, जेरार्ड डिपिपो और कॉन्स्टेंटिन एफ. पिल्ज द्वारा लिखित इस व्यापक विश्लेषण में बताया गया है कि बीजिंग किस तरह से सेमीकंडक्टर चिप्स से लेकर वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों तक पूरे एआई टेक्नोलॉजी स्टैक में औद्योगिक नीति उपकरणों का इस्तेमाल कर रहा है।
'फुल स्टैक: चीन की विकसित होती एआई औद्योगिक नीति' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में पाया गया है कि चीन की एआई औद्योगिक नीति देश की तेज प्रगति को और गति दे रही है, खासकर अनुसंधान, प्रतिभा विकास, सब्सिडी वाले कंप्यूटिंग संसाधनों और व्यावहारिक अनुप्रयोगों के लिए रणनीतिक समर्थन के माध्यम से।
अप्रैल 2025 में एआई पर आयोजित पोलितब्यूरो बैठक में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 'आत्मनिर्भरता' और 'स्वायत्त रूप से नियंत्रित' एआई हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर इकोसिस्टम के निर्माण पर जोर दिया। यह चीन द्वारा जनवरी 2025 में शुरू किए गए 8.2 अरब डॉलर के राष्ट्रीय एआई उद्योग निवेश कोष के अनुरूप है, जो 138 अरब डॉलर के व्यापक राष्ट्रीय वेंचर कैपिटल गाइडेंस फंड का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य एआई से जुड़े क्षेत्रों में निवेश करना है।
रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया गया है कि चीनी एआई मॉडल अग्रणी अमेरिकी मॉडलों के साथ प्रदर्शन का अंतर तेजी से कम कर रहे हैं। हालांकि अधिकांश वृद्धि निजी टेक कंपनियों द्वारा संचालित है, लेकिन राज्य के समर्थन ने क्षमताओं को और मजबूत किया है। जून 2024 तक, चीन ने कुल 246 ईएफएलओपी/सेकंड कंप्यूट क्षमता हासिल कर ली थी, जिसका लक्ष्य 2025 तक 300 ईएफएलओपी/सेकंड तक पहुंचना है। हालांकि, यह वैश्विक एआई कंप्यूट का केवल लगभग 15 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका के पास 75 प्रतिशत है।
चीन में एआई को अपनाने की रफ्तार इलेक्ट्रिक वाहनों और रोबोटिक्स से लेकर स्वास्थ्य सेवा और जैव प्रौद्योगिकी तक कई क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है। बीजिंग विशेष रूप से बीजिंग एम्बॉडिड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स इनोवेशन सेंटर जैसी संस्थाओं के माध्यम से रोबोटिक्स के लिए डेटा साझाकरण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। 2030 तक, चीन का लक्ष्य एआई को 100 अरब डॉलर का उद्योग बनाना और अन्य उद्योगों में 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का अतिरिक्त मूल्य सृजित करना है।
जहां चीनी कंपनियां उन्नत एआई चिप्स पर अमेरिकी निर्यात नियंत्रण के कारण चुनौतियों का सामना कर रही हैं, वहीं वे इन सीमाओं को पार करने के लिए विभिन्न रणनीतियां अपना रही हैं, जिनमें हुआवेई की असेंड सीरीज़ जैसी घरेलू विकल्पों का विकास, चिप्स का भंडारण और वैश्विक स्तर पर डेटा सेंटर बनाना शामिल है। रैंड का विश्लेषण बताता है कि ये प्रयास और चीन की औद्योगिक नीति का दृष्टिकोण, आने वाले वर्षों में अमेरिका के साथ एआई क्षमताओं के अंतर को और कम करेंगे।