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YouTube ने DeepMind के Veo AI को किया एकीकृत, वीडियो निर्माण में लाएगा क्रांति

YouTube ने अपने Shorts प्लेटफ़ॉर्म पर Google DeepMind के Veo 2 मॉडल द्वारा संचालित शक्तिशाली AI वीडियो जनरेशन क्षमताएँ लॉन्च की हैं। इन नए फीचर्स के ज़रिए क्रिएटर्स टेक्स्ट प्रॉम्प्ट्स के माध्यम से स्टैंडअलोन वीडियो क्लिप्स बना सकते हैं या मौजूदा Shorts में AI-जनित बैकग्राउंड जोड़ सकते हैं। शुरुआत में यह तकनीक चुनिंदा देशों में उपलब्ध है और यह वीडियो निर्माण को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, साथ ही संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय भी लागू किए गए हैं।
YouTube ने DeepMind के Veo AI को किया एकीकृत, वीडियो निर्माण में लाएगा क्रांति

YouTube ने अपने Shorts प्लेटफ़ॉर्म में Google DeepMind के उन्नत Veo 2 वीडियो जनरेशन मॉडल का एकीकरण कर अपनी AI क्षमताओं का विस्तार किया है, जिससे क्रिएटर्स केवल टेक्स्ट प्रॉम्प्ट्स के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली वीडियो सामग्री तैयार कर सकते हैं।

इस एकीकरण के माध्यम से क्रिएटर्स अपनी पोस्ट के लिए AI वीडियो क्लिप्स बना सकते हैं, जो OpenAI के टेक्स्ट-टू-वीडियो जनरेटर Sora के मुकाबले में Google की प्रतिस्पर्धी प्रतिक्रिया है। जहां पहले YouTube ने अपने Dream Screen फीचर के ज़रिए Shorts के लिए AI-जनित बैकग्राउंड की सुविधा दी थी, वहीं Veo 2 अब इससे आगे बढ़कर स्टैंडअलोन वीडियो क्लिप्स बनाने की क्षमता देता है, जिन्हें किसी भी Short में जोड़ा जा सकता है।

YouTube के अनुसार, Veo 2 विभिन्न विषयों और शैलियों में अत्याधुनिक, उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो तैयार करता है, जो क्रिएटर्स की कल्पना के और करीब होते हैं। यह तकनीक पिछले वर्ज़न की तुलना में वीडियो को तेज़ी से प्रोसेस करती है और वास्तविक दुनिया की भौतिकी व मानव गतिविधियों की बेहतर समझ दिखाती है, जिससे आउटपुट अधिक डिटेल्ड और यथार्थवादी बनता है। क्रिएटर्स विशेष स्टाइल, लेंस या सिनेमैटिक इफेक्ट्स भी चुन सकते हैं, जिससे Dream Screen रचनात्मक अभिव्यक्ति के लिए एक सहज टूल बन जाता है।

इन नए फीचर्स का उपयोग करने के लिए क्रिएटर्स Shorts कैमरा के ग्रीन स्क्रीन विकल्प में जाकर Dream Screen को एक्सेस कर सकते हैं, जहां वे टेक्स्ट प्रॉम्प्ट्स डालकर वीडियो जनरेट कर सकते हैं। यह सुविधा फरवरी 2025 में अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के क्रिएटर्स के लिए शुरू की गई थी, और YouTube इसे अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार देने की योजना बना रहा है।

संभावित दुरुपयोग की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, YouTube DeepMind की SynthID तकनीक का उपयोग करता है, जो AI-निर्मित वीडियो में डिजिटल वॉटरमार्क एम्बेड करती है। सभी AI-जनित कंटेंट को स्पष्ट रूप से लेबल किया जाता है, ताकि दर्शक आसानी से पहचान सकें कि यह AI द्वारा बनाया गया है। इस जिम्मेदार अप्रोच के तहत शुरुआत में सीमित उत्पादों पर रोलआउट किया गया है, जिसके बाद 2025 में YouTube Shorts जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर विस्तार होगा, और सभी AI-जनित वीडियो में अदृश्य SynthID वॉटरमार्क होंगे।

यह नवीनतम विकास Google की व्यापक AI वीडियो रणनीति का हिस्सा है, जिसमें हाल ही में मई 2025 में Veo 3 मॉडल लॉन्च किया गया है। यह नया मॉडल वीडियो जनरेशन क्षमताओं को और आगे बढ़ाता है, जिसमें ऑडियो फीचर्स जैसे संवाद, साउंडट्रैक और साउंड इफेक्ट्स भी शामिल हैं। जैसे-जैसे ये तकनीकें विकसित हो रही हैं, ये दुनिया के सबसे बड़े वीडियो प्लेटफ़ॉर्म्स में से एक पर कंटेंट निर्माण के तरीके को बदलने का वादा करती हैं, जिससे बिना विशेष तकनीकी कौशल या उपकरणों के भी क्रिएटर्स के लिए उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो निर्माण को लोकतांत्रिक बनाया जा सकेगा।

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