रचनात्मक मीडिया में एआई के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में, गूगल डीपमाइंड की पहली एआई-सहायता प्राप्त फिल्म 'एंसेस्ट्रा' 13 जून, 2025 को ट्राइबेका फेस्टिवल में विश्व प्रीमियर के साथ फिल्म निर्माण तकनीक के विकास में एक ऐतिहासिक क्षण का प्रतीक बनेगी।
इस फिल्म का निर्देशन पुरस्कार विजेता फिल्ममेकर एलाइज़ा मैकनिट ने किया है और इसे दूरदर्शी निर्देशक डैरेन एरोनोफ्स्की ने अपने नए वेंचर प्राइमॉर्डियल सूप के तहत एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूस किया है। 'एंसेस्ट्रा' एक नया हाइब्रिड प्रोडक्शन मॉडल प्रस्तुत करती है, जिसमें पारंपरिक फिल्म निर्माण को अत्याधुनिक एआई टूल्स के साथ सोच-समझकर एकीकृत किया गया है।
फिल्म एक आपातकालीन प्रसव की कहानी कहती है, जहाँ 'एक माँ का प्यार ब्रह्मांडीय शक्ति बनकर अपनी बेटी की जान बचाता है।' मैकनिट ने अपनी खुद की जन्म-कथा से प्रेरणा ली, और अपने शैशवकाल की तस्वीरों व अपने दिवंगत पिता द्वारा ली गई फोटोग्राफ्स पर एआई मॉडल्स को प्रशिक्षित किया, ताकि ऐसे दृश्य रचे जा सकें जो पारंपरिक तरीकों से संभव नहीं थे।
'एंसेस्ट्रा के साथ, मैं अदृश्य को दृश्य बना पाई—पारिवारिक अभिलेखों, भावनाओं और विज्ञान को एक ऐसी सिनेमाई अनुभूति में बदल दिया, जो निजी भी है और विशाल भी,' मैकनिट ने बताया। इस प्रोडक्शन में SAG-AFTRA एक्टर्स की लाइव-एक्शन परफॉर्मेंस के साथ-साथ एआई-जनरेटेड इमेजरी भी है, जो ब्रह्मांडीय घटनाओं और सूक्ष्म जगत को दर्शाती है।
यह प्रोजेक्ट गूगल डीपमाइंड और प्राइमॉर्डियल सूप के बीच रणनीतिक साझेदारी के तहत विकसित की जा रही तीन लघु फिल्मों में से पहली है। गूगल ने अपने अत्याधुनिक वीडियो जनरेशन टूल्स, जैसे Veo 3 और Flow, का प्रारंभिक एक्सेस उपलब्ध कराया, वहीं फिल्म निर्माताओं ने रचनात्मक उपयोग के लिए तकनीक को बेहतर बनाने हेतु महत्वपूर्ण फीडबैक दिया।
एरोनोफ्स्की ने ज़ोर दिया कि एआई को कलाकारों को सशक्त बनाना चाहिए, न कि पारंपरिक फिल्म निर्माण की जगह लेना चाहिए: 'फिल्म निर्माण हमेशा तकनीक से प्रेरित रहा है। लुमिएर ब्रदर्स और एडिसन के क्रांतिकारी आविष्कार के बाद, फिल्मकारों ने कैमरों की छिपी कहानी कहने की शक्ति को उजागर किया। अब समय है कि हम इन नए टूल्स का अन्वेषण करें और उन्हें कहानी कहने के भविष्य के लिए आकार दें।'
स्क्रीनिंग के बाद, एरोनोफ्स्की मैकनिट और अन्य प्रमुख सहयोगियों के साथ एक पैनल चर्चा का संचालन करेंगे, जिसमें यह बताया जाएगा कि मानवीय स्मृति, भावनात्मक कहानी और जनरेटिव एआई टूल्स ने 'एंसेस्ट्रा' के निर्माण में किस तरह साथ मिलकर काम किया। इस संवाद में यह भी जांचा जाएगा कि फिल्म निर्माता सिनेमाई अभिव्यक्ति के भविष्य में एआई की भूमिका को किस तरह आकार दे सकते हैं, साथ ही अपनी कलात्मक अखंडता और दृष्टि को बनाए रख सकते हैं।