एक बड़े रणनीतिक बदलाव के तहत, चीनी सर्च इंजन दिग्गज बायडू ने घोषणा की है कि वह 30 जून, 2025 से अपने अगली पीढ़ी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल, एर्नी 4.5 को ओपन-सोर्स कर देगा। यह फैसला सीईओ रॉबिन ली के लिए एक बड़ा बदलाव है, जिन्होंने लंबे समय तक बंद-स्रोत मॉडल को एआई विकास का एकमात्र व्यावहारिक रास्ता बताया था।
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब चीन के एआई क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है, खासकर हांगझोऊ स्थित स्टार्टअप डीपसीक से, जिसके ओपन-सोर्स एआई मॉडल जनवरी में लॉन्च होने के बाद से काफी लोकप्रिय हो गए हैं। डीपसीक के मॉडल अमेरिकी कंपनियों जैसे ओपनएआई के मॉडल्स के बराबर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी परिचालन लागत काफी कम है, जिससे बाजार में हलचल मच गई है और स्थापित कंपनियों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है।
बायडू अपने एआई चैटबॉट, एर्नी बॉट को भी 1 अप्रैल, 2025 से सभी उपयोगकर्ताओं के लिए पूरी तरह मुफ्त कर रहा है। यह कदम प्रीमियम वर्शन लॉन्च करने के लगभग 18 महीने बाद लिया गया है। एआई प्रोडक्ट ट्रैकर Aicpb.com के जनवरी 2025 के आंकड़ों के अनुसार, एर्नी बॉट के पास वर्तमान में लगभग 1.3 करोड़ मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं, जो बाइटडांस के डौबाओ (7.86 करोड़) और डीपसीक (3.37 करोड़) से पीछे हैं।
कंपनी ने मार्च 2025 में दो नए एआई मॉडल पहले ही लॉन्च कर दिए हैं: एर्नी 4.5, जो एक मल्टीमॉडल फाउंडेशन मॉडल है, और एर्नी X1, जो एक रीजनिंग मॉडल है। बायडू का दावा है कि एर्नी X1, डीपसीक R1 के बराबर प्रदर्शन करता है, लेकिन इसकी कीमत आधी है। दोनों मॉडल्स में टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो और वीडियो प्रोसेसिंग की बेहतर क्षमताएं हैं।
दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में बोलते हुए, रॉबिन ली ने ओपन-सोर्स डेवलपमेंट के फायदों को स्वीकार किया: "अगर आप चीजों को खोलते हैं, तो बहुत से लोग इसे आजमाने के लिए उत्सुक होंगे। इससे तकनीक बहुत तेजी से फैल सकती है।" यह भावना चीन के एआई सेक्टर में ओपन-सोर्स रणनीतियों की ओर व्यापक बदलाव को दर्शाती है, जहां अलीबाबा और टेनसेंट जैसी कंपनियां भी ओपन-सोर्स एआई मॉडल जारी कर रही हैं।
बायडू 2025 की दूसरी छमाही में अपने अगली पीढ़ी के मॉडल, एर्नी 5 को लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जिसमें मल्टीमॉडल क्षमताओं में महत्वपूर्ण सुधार होने की संभावना है। उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि यह ओपन-सोर्स बदलाव चीन में एआई अपनाने की गति को तेज कर सकता है और संभवतः वैश्विक एआई परिदृश्य को भी बदल सकता है, क्योंकि चीनी मॉडल कम कीमत पर पश्चिमी मॉडल्स के बराबर प्रदर्शन देने लगे हैं।