ऐसे दौर में जब मानव और AI द्वारा बनाए गए कंटेंट के बीच फर्क करना बेहद कठिन हो गया है, Google ने अपने I/O 2025 डेवलपर कॉन्फ्रेंस में एक शक्तिशाली नया सत्यापन टूल पेश किया है।
SynthID डिटेक्टर पोर्टल यूज़र्स को Google के AI सिस्टम्स द्वारा डाले गए अदृश्य वॉटरमार्क को स्कैन करके AI-जनित कंटेंट की त्वरित पहचान करने में सक्षम बनाता है। जब यूज़र Google के AI टूल्स जैसे Gemini, Imagen, Lyria या Veo से बने इमेज, ऑडियो ट्रैक, वीडियो या टेक्स्ट अपलोड करते हैं, तो यह पोर्टल न केवल यह पता लगाता है कि कंटेंट में SynthID वॉटरमार्क है या नहीं, बल्कि उन खास हिस्सों को भी हाइलाइट करता है जिनमें वॉटरमार्क होने की सबसे अधिक संभावना है।
यह तकनीक उस महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करती है, जब AI-जनित मीडिया इंटरनेट पर तेजी से फैल रहा है। हालिया अनुमानों के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच डीपफेक वीडियो में 550% की वृद्धि हुई है, वहीं अब सोशल मीडिया पर देखे जाने वाले कई लोकप्रिय पोस्ट में AI द्वारा बनाया गया कंटेंट शामिल है। SynthID की वॉटरमार्किंग प्रणाली तब भी पहचान योग्य रहती है जब कंटेंट को क्रॉप, रीसाइज़ या अन्य बदलावों से गुजारा जाता है, जिससे यह AI स्रोत को छुपाने के प्रयासों के खिलाफ खासतौर पर प्रभावी बनती है।
Google ने SynthID की पहुंच अपने इकोसिस्टम से बाहर भी बढ़ा दी है। कंपनी ने अपने टेक्स्ट वॉटरमार्किंग तकनीक को ओपन-सोर्स किया है और NVIDIA के Cosmos मॉडल द्वारा जनरेट किए गए वीडियो में वॉटरमार्किंग के लिए NVIDIA के साथ साझेदारी की है। इसके अलावा, GetReal Security के साथ सहयोग के तहत बाहरी तौर पर SynthID वॉटरमार्क की सत्यता की जांच संभव होगी, जिससे एक अधिक विश्वसनीय डिजिटल इकोसिस्टम बनाने में मदद मिलेगी।
हालांकि SynthID डिटेक्टर कंटेंट सत्यापन में महत्वपूर्ण प्रगति है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं भी हैं। यह टूल मुख्य रूप से Google के AI मॉडल्स और उनकी वॉटरमार्किंग तकनीक का उपयोग करने वाले कंटेंट के साथ ही काम करता है, जिससे अन्य प्लेटफॉर्म से बने कंटेंट की पहचान नहीं हो पाती। आलोचकों का यह भी कहना है कि वॉटरमार्किंग कंटेंट के दुरुपयोग को रोकती नहीं, बल्कि केवल बाद में उसकी पहचान संभव बनाती है।
SynthID डिटेक्टर फिलहाल चुनिंदा शुरुआती टेस्टर्स के लिए उपलब्ध है। पत्रकार, मीडिया प्रोफेशनल्स, शोधकर्ता और शिक्षक इसकी एक्सेस के लिए वेटलिस्ट में शामिल हो सकते हैं। आने वाले हफ्तों में Google इस महत्वपूर्ण टूल को और बेहतर बनाते हुए व्यापक स्तर पर लॉन्च करने की योजना बना रहा है, ताकि AI-जनित गलत सूचना के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिल सके।