वैश्विक राजनीतिक तनाव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बाजारों पर छाया डाल रहे हैं, क्योंकि निवेशक ट्रेडिंग के फिर से शुरू होने पर संभावित अस्थिरता के लिए तैयार हैं। इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ता सैन्य संघर्ष, साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ व्यापक घरेलू विरोध प्रदर्शनों ने अनिश्चितता का ऐसा माहौल बना दिया है, जो तकनीकी निवेशों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
मध्य पूर्व की स्थिति इज़राइल द्वारा 13 जून को ईरान के परमाणु ठिकानों पर अभूतपूर्व हमलों के बाद तेजी से बिगड़ गई है, जिसके बाद दोनों देशों ने सप्ताहांत में एक-दूसरे पर और हमले किए। इस बढ़ते तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतों में 7% की तेजी आ गई है और वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है, जिससे निवेशक सोना और डॉलर जैसी सुरक्षित संपत्तियों की ओर भाग रहे हैं।
यह समय एआई बाजारों के लिए विशेष रूप से चिंता का विषय है, जो 2025 में पहले से ही अस्थिरता का सामना कर रहे थे। निवेश विश्लेषकों के अनुसार, इस वर्ष एआई सेक्टर में मूल्यांकन में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। मॉर्निंगस्टार ग्लोबल नेक्स्ट जेनरेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंडेक्स ने मिश्रित प्रदर्शन दिखाया है, क्योंकि व्यापक बाजार ट्रंप की व्यापार नीतियों और संभावित नियामक बदलावों को लेकर चिंतित हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि राजनीतिक अस्थिरता हाल के वर्षों में एआई सेक्टर में देखी गई तेज निवेश गति को धीमा कर सकती है। एफटीआई कंसल्टिंग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, "2024 में एआई सेक्टर में सार्वजनिक और निजी दोनों बाजारों में निवेश की तेज़ रफ्तार 2025 में भी जारी रहने की उम्मीद है, लेकिन इसमें लगातार अस्थिरता बनी रहेगी।" तेजी से बदलते एआई परिदृश्य में वैश्विक अनिश्चितता के दौर में किसी एक संपत्ति या क्षमता पर दांव लगाना और भी जोखिम भरा हो गया है।
एआई कंपनियों, खासकर फंडिंग की तलाश कर रही स्टार्टअप्स के लिए यह माहौल बड़ी चुनौतियां पेश करता है। वेंचर कैपिटल फर्में अब निवेश के मामले में अधिक चयनात्मक हो सकती हैं और वे उन कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करेंगी जिनके पास लाभप्रदता की स्पष्ट राह है, बजाय उन तकनीकों के जो अभी केवल संभावनाओं पर आधारित हैं। वहीं, Nvidia, Microsoft और Alphabet जैसी स्थापित एआई दिग्गज कंपनियां अपने मजबूत नकद भंडार और विविधीकृत राजस्व स्रोतों के चलते इस तूफान को बेहतर तरीके से झेल सकती हैं।
जैसे ही बाजार फिर से खुलेंगे, निवेशक बारीकी से देखेंगे कि ये भू-राजनीतिक और घरेलू तनाव न केवल तात्कालिक शेयर मूल्यों पर, बल्कि दशक के सबसे गतिशील तकनीकी क्षेत्रों में से एक में दीर्घकालिक निवेश रणनीतियों पर किस तरह असर डालते हैं।