एयरोस्पेस उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, वीनस एयरोस्पेस ने 14 मई, 2025 को न्यू मैक्सिको के स्पेसपोर्ट अमेरिका में अपने रोटेटिंग डेटोनेशन रॉकेट इंजन (RDRE) का सफल फ्लाइट परीक्षण किया है। यह ऐतिहासिक परीक्षण इस अगली पीढ़ी की प्रणोदन तकनीक की पहली अमेरिकी उड़ान है, जिसकी कल्पना 1980 के दशक से की जा रही थी, लेकिन अब तक इसे व्यावहारिक रूप से कभी सफलतापूर्वक लागू नहीं किया गया था।
RDRE रॉकेट प्रणोदन में एक महत्वपूर्ण छलांग है, जो निरंतर डेटोनेशन वेव्स का उपयोग करता है, जो एक वृत्ताकार कक्ष में घूमती हैं और थ्रस्ट उत्पन्न करती हैं। पारंपरिक रॉकेट इंजनों में जहां स्थिर दहन (डिफ्लैग्रेशन) पर निर्भरता होती है, वहीं RDRE सुपरसोनिक विस्फोटों का उपयोग करके अधिक कुशल प्रणोदन उत्पन्न करता है। वीनस एयरोस्पेस के अनुसार, यह तकनीक पारंपरिक रॉकेट इंजनों की तुलना में 15% अधिक दक्षता प्राप्त कर सकती है, जिससे वाहन कम ईंधन में अधिक दूरी तय कर सकते हैं।
वीनस एयरोस्पेस की तकनीक को विशेष रूप से क्रांतिकारी बनाने वाला तत्व है उनका VDR2 (वीनस डेटोनेशन रैमजेट) इंजन सिस्टम, जो RDRE को एयर-ब्रीदिंग डेटोनेशन रैमजेट के साथ जोड़ता है। यह एकीकृत प्रणाली एक ही इंजन समाधान प्रदान करती है, जिससे विमान पारंपरिक रनवे से टेकऑफ लेकर मैक 6 से अधिक की हाइपरसोनिक गति तक पहुंच सकता है, और इसके लिए अलग-अलग इंजन प्रकार या रॉकेट बूस्टर की आवश्यकता नहीं होती।
"यह उपलब्धि साबित करती है कि हमारा इंजन लैब के बाहर, वास्तविक उड़ान परिस्थितियों में भी काम करता है," वीनस एयरोस्पेस के सह-संस्थापक और मुख्य तकनीकी अधिकारी एंड्रयू डगलबी ने कहा। "हमने ऐसा इंजन बनाया है जो न केवल चलता है, बल्कि विश्वसनीय और कुशलता से चलता है—और यही इसे स्केलेबल बनाता है।"
कंपनी का अंतिम लक्ष्य है स्टारगेज़र M4 का विकास, जो एक हाइपरसोनिक पैसेंजर विमान है, जो क्रूजिंग ऊंचाई (1,10,000 फीट) पर मैक 4 की गति और 5,000 मील की रेंज प्राप्त कर सकता है। इससे सैन फ्रांसिस्को से टोक्यो या ह्यूस्टन से लंदन की उड़ानें दो घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकेंगी। यह विमान लगभग 12 यात्रियों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है और अनुकूल परिस्थितियों में मैक 9 की शीर्ष गति तक पहुंच सकता है।
वीनस एयरोस्पेस की स्थापना 2020 में एंड्रयू और सैसी डगलबी ने की थी, जिसे एयरबस वेंचर्स सहित निवेशकों का समर्थन और नासा एवं यूनाइटेड स्टेट्स एयर फोर्स का सहयोग प्राप्त है। कंपनी परीक्षण और विकास जारी रखने की योजना बना रही है, और यात्री विमान संभवतः 2030 के दशक में सेवा में आ सकते हैं। यदि यह तकनीक सफल होती है, तो यह न केवल वाणिज्यिक विमानन बल्कि रक्षा क्षेत्र में भी क्रांति ला सकती है और वैश्विक हाइपरसोनिक परिवहन का नया युग शुरू कर सकती है।